राजेश डुडेजा ने 115 तो मनीष वर्मा ने 56 बार दिया रक्त
भारत भूमि (जोगिन्दर लोहट) भिवानी, 01 मई : भिवानी के दो रक्तवीरों ने लोगो के दिलो पर अमिट छाप छोड़ी है। रक्तवीर राजेश डुडेजा व मनीष वर्मा ने लगातार दुसरो के जीवन को बचाने के लिए रक्त दिया है और उनकी टीम भी लगतार दुसरो के लिए तैयार रहती है। यह बात भिवानी ब्लड बैंक कि प्रभारी मोनिका सांगवान ने रक्तदाताओं से कही। उन्होंने कहा कि आज राजेश डुडेजा 115वी बार तो मनीष वर्मा ने 56वी बार रक्तदान कर रहे है। उन्होंने कहा कि इनकी तरह प्रत्येक व्यक्ति को समाज सेवा में अपना हर संभव सहयोग देना चाहिए। रक्तदान जीवन का सबसे बड़ा पुण्य है। दान के रूप में दी गई रक्त की बूदें किसी जरूरतमंद को नया जीवन प्रदान करती हैं। रक्तदान एक सामाजिक दायित्व है, जिसका निर्वहन हम सबको करना चाहिए। रक्त जीवन का मुख्य आधार है, इसलिए रक्तदान को महादान भी कहा गया है। कुछ सामाजिक संगठन रक्तदान की मुहिम चला कर लोगों की जिंदगी बचाने का बीडा उठाए हुए है।
गौरतलब होगा कि सोमवार को भिवानी के सिविल अस्पताल में दाखिल मरीजों के लिए ओ-पोजटिव फ्रैश ब्लड की जरूरत होने पर भिवानी के ये दो युवा रक्तवीर राजेश डुडेजा व रक्तवीर मनीष वर्मा ने एक साथ रक्तदान किया। समाज मे कई लोग ऐसे हैं, जो हर तीन महीने के बाद रक्तदान करना अपने जीवन का हिस्सा मान चुके हैं। जो सैकडों बार रक्तदान कर चुके है। साथ ही सैकड़ों रक्तदान शिविर लगा चुके है तथा हजारों लोगों का रक्तदान करवाकर लोगों की जिंदगी बचा चुके है। दोनो रक्तवीर भिवानी में युवाओ के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। बीमारी व दुर्घटनाओं में घायलों व गर्भवती महिलाओं व थैलसीमिया बीमारी से ग्रस्त बच्चो के लिए रक्त की पूर्ति में कोई कमी नहीं छोडऩी चाहिए। रक्तदान करने से कभी कोई कमजोरी नही आती। हर युवा को रक्तदान करना चाहिए।
मोनिका सांगवान ने कहा कि दोनों रक्तवीर जिला के विभिन्न महाविद्यालयों में व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी रक्तदान पर व्याख्यान देकर विद्यार्थियों को रक्तदान के लिए जागृत करते रहते हैं। मनीष 35 वर्ष की उम्र मे 56 बार रक्तदान कर चुके है तो राजेश डुडेजा समाज की वो सम्मानित हस्ती है, जो हर तीन महीने के बाद रक्तदान करना नही भूलते। राजेश डुडेजा अपनी जिंदगी के 54 वंसत पार कर चुके है। जहां इस उम्र मे लोग अपने आप को सेवानिवृत्त समझते है, वहीं राजेश डुडेजा का हर पल रक्त की कमी को पूरा करवाने मे गुजरता है। राजेश डुडेजा आज जहां युवाओं के लिए रोल मॉडल बने हुए है। चाहे आंधी हो या बारिश राजेश डुडेजा स्वयं अपनी टीम के साथ रक्तदान के लिए मौके पर पहुंचते है और रक्त उपलब्ध करवाकर लोंगो की जिंदगी बचाने का कार्य कर रहे है। राजेश डुडेजा बताते हैं कि उनको 1994 में मास्टर प्यारे लाल सांगवान ने प्रेरित किया था, उसके बाद उन्होंने रक्तदान कि अलख भिवानी में जगाने का कार्य किया।
1995 मे आई बाढ के दौरान अपना पहला रक्तदान करने के बाद राजेश डुडेजा ने पीछे मुडकर नहीं देखा और रक्तदान को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। राजेश डुडेजा जहा 83 बार रक्तदान कर चुके है तो वही 32 बार अपनी प्लेटलेटस डोनेट कर लोंगो की जिंदगी बचाने का कार्य किया है। इसके साथ-साथ सैंकड़ों रक्तदान शिविर लगवाकर रक्त की पूर्ति पूरी करने मे लगे हुए है। राजेश डुडेजा खुद भी रक्तदान करते है और युवायों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते है। जब भिवानी में कोरोना के समय में लॉकडाउन लगा तो भिवानी सिविल अस्पताल में ब्लड की ज्यादा कमी हो गई तो उन्होंने डोनर को अपने वाहन पर लाकर उनसे रक्तदान करवाने के बाद खुद ही उनके घर छोड़ कर आते थे। रक्तवीर राजेश डुडेजा की नि:स्वार्थ रक्तदान मुहिम को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व विश्व रक्तदान दिवस पर भारतीय रैडक्रॉस समिति दवारा आयोजित राज्य स्तरीय शतकवीर रक्तदाता सम्मान समारोह मे रक्तवीर राजेश डुडेजा को महामहिम राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय भी उन्हें स्वंय सम्मानित कर चुके है। डॉ. मोनिका सांगवान ने बताया कि हमे अपने जीवन में रक्तदान अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इससे बड़ी मानव सेवा कोई नहीं है। जिससे किसी भी दुर्घनाग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती महिला, डेंगू से ग्रस्त रोगी की जरूरत पडऩे पर उसका जीवन बचाया जा सकता है। इलाज की सुविधा होने के बाद भी कई बार लोगों के जीवन की डोर सिर्फ इसलिए टूट जाती है कि उन्हें समय पर खून नहीं मिलता। रक्तदान से किसी व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। आज भी लोग गलत धारणाओं के कारण रक्तदान करने में हिचकते हैं, जबकि रक्तदान करने से रक्तदाता को कई गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। इस अवसर पर डॉ रमेश लांबा, लेब टेक्नीशियन कृष्णा सांगवान, मान सिंह, राजबाला व प्रियंका उपस्थित रहे।