भिवानी, 26 फरवरी। देश तंत्र बयूरो (जोगिन्दर लोहट)
हरियाणा साहित्य अकादमी के सौजन्य से कीर्ति नगर स्थित
सांस्कृतिक सदन में सांस्कृतिक मंच द्वारा सम्मान समारोह एवं सामवेद
संगीत का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में कृषि एवं किसान कल्याण तथा
पुशपालन एवं मत्स्य मंत्री जेपी दलाल हरियाणा सरकार मुख्यअतिथि के रूप
में उपस्थित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा सांस्कृत अकादमी के
निदेशक डा. दिनेश शास्त्री ने की। डा. दिनेश शास्त्री ने अपने प्रभावी
वक्तव्य में संस्कृत भाषा और सामवेद के विषय पर व्यापक प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यअतिथि कृषि एवं किसान कल्याण तथा पुशपालन एवं
मत्स्य मंत्री जेपी दलाल, विधायक घनश्याम सर्राफ, हरियाणा संस्कृत अकादमी
के निदेशक डा. दिनेश शास्त्री, सुभाष कौशिक, राजपूत प्रतिनिधि सभा भिवानी
के अध्यक्ष ठा. अजीत सिंह, प्रीतम अग्रवाल व रणविजय ने मां सरस्वती को
माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल करके किया। डा. जयपाल शास्त्री ने स्वस्ति
वाचन किया। जगतनारायण भारद्वाज ने भिवानी के इतिहास पर प्रकाश डाला व
सांस्कृतिक मंच द्वारा समाजसेवियों व विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित करने
की परंपरा के बारे में बताया।
मुख्यतिथि मंत्री जेपी दलाल ने सांस्कृतिक
उत्थान एवं सुन्दर समाज के लिए सांस्कृतिक मंच द्वारा किए जा रहे कार्यों
की सराहना की। उन्होंने कहा कि छोटी कांशी भिवानी की संस्था सांस्कृतिक
मंच का कला, संगीत और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण योगदान है। विधायक
सर्राफ ने कहा कि वे भिवानी के 12 दरवाजों को पुन: बनवाने के लिए प्रयास
करेंगे। कार्यक्रम में समाजसेवा व अन्य क्षेत्रों में योगदान देने वाली
विशिष्ट विभुतियों में रामशरण शर्मा बि_न, विजय लालावासिया, रवीन्द्र
श्योराण, ओमप्रकाश सैणी, विद्या देवी, अरूणा तंवर, डा. दिव्य कीर्ति
आहूजा, रामनिवास शर्मा व महाबीर डालमिया को सम्मानित किया। सामवेद और
संगीत कार्यक्रमों ने चार चांद लगा दिए। डा. कुलदीप सूद ने ओ रंग डारो ना
कृष्ण मुरारी-गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। डा. जेपी वशिष्ट ने सामवेद
के श£ोकों का मधुर गायन अर्थ सहित करके श्रोताओं का ज्ञानवर्धन किया। डा.
कविता ने जगत जननी भव तारिणी मोदिनी त नवदुर्गा गाकर सभी को आहलादित कर
दिया। मनीष ने मोरे सैंया लागू मैं तोरे सौंया गाकर सबको भाव विभोर कर
दिया। अनीता नाथ ने मंच का सफल संचालन किया। डा. मुरलीधर शास्त्री ने
पत्र वाचन में वेदों के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रीतम अग्रवाल ने अपने
उदबोधन में भिवानी को धर्म नगरी बताते हुए यहां के लोगों की उदारिता की
सराहना की तथा डा. शिवनारायण शास्त्री की दानवीरता की प्रशंसा की।
राघवेन्द्र भट्ट ने भिवानी को विद्वानों की नगरी बताते हुए सांस्कृतिक
मंच के कार्यों को सराहा। सुभाष कौशिक ने संगीत को परमात्मा की अनुपम
भेंट बताया। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डा. दिनेश शास्त्री ने
भिवानी स्थापना महोत्सव में आयोजित कार्यक्रमों एवं संस्कृतिक मंच के
समर्पण की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने यज्ञों की वैज्ञानिकता पर भी
प्रकाश डाला। उन्होंने सामवेद के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्धता जताई।
इस अवसर पर डा. बुद्धदेव आर्य, संदीप वधवा, डा. शिवनारायण शास्त्री,
बलदेव शर्मा, डा. कल्पना, शशि परमार, डा. मदन मानव, भागीरथ शर्मा,
आत्मप्रकाश टुटेजा, मामन सिंह परमार, नीता चावला, नीलांगनी शर्मा, नीरू,
लोकेश, घनश्याम शर्मा, कैप्टन सुरेश तंवर, एडवोकेट सतेन्द्र, गजराज
जोगपाल, अतुल अग्रवाल, रामनिवास शर्मा, विजय सोलंकी, मुकेश रहेजा, सुधीर
लांबा, जयप्रकाश वशिष्ठ, डा. इंदु शर्मा, रीना तनेजा, एमएल अग्रवाल, माया
देवी, चिरंजीलाल सांवरिया, रक्तवीर राजेश डुडेजा, रक्तवीर मनीष वर्मा,
आदर्श ब्राह्मण महासभा के हरीश शर्मा, सूरजभान खरकिया, राजेन्द्र कौशिक व
कंवर बीर सिंह समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।