मोदी सरकार के फैसले से जम्मू-कश्मीर के “सेब” उत्पादकों की बढ़ेगी कमाई,...

मोदी सरकार के फैसले से जम्मू-कश्मीर के “सेब” उत्पादकों की बढ़ेगी कमाई, मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी

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TRAL, KASHMIR, INDIA - SEPTEMBER 26: A Kashmiri labourer picks apples from trees in an orchard on September 26, 2011 in Tral 40 Km (24 miles) south of Srinagar, the summer capital of Indian administered Kashmir, India. Kashmir's orchards produce 1.2 million tons of apples annually, the second largest in India. 800,000 tons of the produce is exported to other parts of India and the rest consumed locally. Experts report that apple production in Kashmir despite the low turnout demand is expected to be in higher from Asian markets due to recent weather issues have had poor apple crops. (Photo by Yawar Nazir/Getty Images)

भारत भूमि न्यूज़ 24: केंद्र सरकार कश्मीर के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए तमाम सहूलियतें देने में जुटी है. इसी कड़ी में बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट की बैठक में सत्र 2020-21 में भी जम्मू एवं कश्मीर में सेब खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दी गई. किसानों से केंद्रीय खरीद एजेंसी नैफेड और राज्य एजेंसियां सीधे सेब खरीदेंगी. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा. इस योजना के तहत 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदे जा सकते हैं.

सरकार ने नैफेड को इस अभियान के लिए 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी उपयोग करने की भी अनुमति दी है. इस अभियान में अगर कोई नुकसान होता है, तो उसे पचास-पचास फीसदी के आधार पर केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच साझा किया जाएगा.

पिछले सत्र में गठित नामित मूल्य समिति को इस सीजन के लिए भी सेब के विभिन्न प्रकार और सेब के ग्रेड की कीमत निर्धारण के लिए जारी रखा जाएगा. जम्मू कश्मीर का केन्द्र शासित प्रशासन संबंधित मंडियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास करेगा.

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