भारत भूमि न्यूज़ 24, 07-08-2021(नीतू सिंह संवाददाता)
टोक्यो में चल रहे ओलंपिक में भारत की युवा गोल्फ़र अदिति अशोक टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बावजूद मेडल जीतकर इतिहास बनाने से चूक गईं.
आख़िरी राउंड में वो चौथे स्थान पर रहीं और मेडल की रेस से बाहर हो गईं.
अदिति शुरुआत से ही लगातार दूसरे और तीसरे स्थान पर बनी रहीं, जिसे देखकर उनसे मेडल की उम्मीदें बढ़ गई थीं.
हालाँकि आख़िरी वक़्त आते-आते वो संयुक्त रूप से तीसरे और फिर चौथे स्थान पर खिसक गईं.
मेडल नहीं जीता लेकिन फिर भी इतिहास बनाया
भले ही अदिति ने टोक्यो ओलंपिक में मेडल के बेहद करीब आकर चूक गईं हों लेकिन उन्होंने इतिहास रच दिया है.
अदिति ऐसी खिलाड़ी बन गई हैं, जिनके यहाँ तक पहुँचन के बारे में शायद भारतीय ओलंपिक दल के अधिकारियों ने भी नहीं सोचा होगा.
अब तक किसी भी दूसरी भारतीय महिला गोल्फ़ खिलाड़ी ने दो बार ओलंपिक में क्वॉलिफ़ाई नहीं किया.
अदिति के नाम हैं ढेरों रिकॉर्ड
- अदिति ने 2016 के रियो ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था, उस समय वे सिर्फ़ 18 साल की थी और ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली वे सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं.
- इसके अलावा अदिति पहली भारतीय महिला गोल्फ़र हैं, जिन्होंने एशियन यूथ गेम्स (2013), यूथ ओलंपिक गेम्स (2014), एशियन गेम्स (2014) में हिस्सा लिया.
- अदिति लल्ला आइचा टूर स्कूल का टाइटिल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं.
- 2017 में वे पहली भारतीय महिला प्रोफ़ेशनल गोल्फ एसोसिएशन (LPGA) खिलाड़ी बनीं थीं.
- अदिति अकेली भारतीय हैं जिन्होंने 2016 में लेडीज़ यूरोपीय टूयर में दो टाइटल जीते हैं.