विधार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके कौशल का विकास करने के लिए...

विधार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके कौशल का विकास करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे-अजय गुप्ता

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पूर्व मुख्यमंत्री श्री बनारसी दास गुप्त की 106वी जयंती के अवसर पर 106 पौधे वितरित कर श्रद्धांजलि अर्पित की

भारत भूमि न्यूज़ (जोगेन्दर लोहट): भिवानी 5 नवंबर 2023 विधार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके कौशल का विकास करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे तभी आत्मर्निभर भारत के स्वप्न को साकार किया जा सकता है यह बात स्थानीय वैश्य महाविद्यालय भिवानी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई – एक द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्त की जयंती के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय प्रांगण में ष्एक कदम आत्मनिर्भरता की ओरष् विषय पर आयोजित एक दिवसीय शिविर के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि बाबू जी का स्वप्न था की क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगो को शिक्षा मिले व हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का पालन पोषण करें। शिविर के शुभारंभ वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता, बी.डी. गुप्त की सुपुत्री प्रमिला अग्रवाल, बी.डी. गुप्त के पौत्र प्रियांश व पौध वधु ईषिता गुप्ता, वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट शिवरत्न गुप्ता, महासचिव डॉ पवन बुवानी वाला, ट्रस्टी विजय किशन अग्रवाल, समाजसेवी रामदेव तायल, नन्द किशोर अग्रवाल, हरिराम खिच्चुका, सुरेश केडिया, नरेश मित्तल, प्राचार्य डॉ संजय गोयल, कार्यक्रम अधिकारी डॉ कामना भारद्वाज,कार्यालय अधीक्षक कमल भारद्वाज ने मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

स्वयंसेवको ने एन.एस.एस. गीत गाकर शिविर का शुभारांम्भ किया। इस अवसर पर पी.पी.टी. के माध्यम से श्री बनारसी दास गुप्त की जीवन यात्रा पर प्रकाश डाला गया जिसे देखकर उपस्थित सभी अतिथियों एवं स्वयंसेवको को भाव-विभोर कर दिया। समारोह में पधारे सभी अतिथियो का स्वयंसेवको द्वारा पुष्पहार एवं फटका पहना कर स्वागत किया। प्राचार्य डॉ संजय गोयल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बाबू बनारसी दास गुप्त के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबु जी द्वारा जो शिक्षा रूपी पौधे लगाये गये थे आज वो वट-वृक्ष का रूप ले चुके है।

वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान अधिवक्ता शिवरत्न गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को यदि विश्व में आर्थिक रूप से एक समृद्ध राष्ट्र बनना है तो इसके लिए उद्यमिता को अपनाकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना होगा। उन्होंने बाबू जी की जयंती के अवसर पर आयोजित आत्मनिर्भर भारत की प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें बाबु जी के साथ लम्बे समय तक कार्य करने का अवसर मिला उनके द्वारा राजनितिक, समाजिक, पत्रकारिता एवं शिक्षा जगत में जो आयाम स्थापित किए उनको कभी भुलाया नहीं जा सकता।

वैश्य महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. पवन बुवानीवाला ने कहा कि बाबु जी आत्मियत्ता की जीति जागती तस्वीर थी, उन्होनें अपना सारा जीवन विभिन्न बुराईयों को दूर करने एवं शिक्षा एवं समाजसेवा में लगा दिया वास्तव में उनका जीवन निष्ठा व ईमानदारी से प्रेरित प्रेरणा दायी रहा। ट्रस्टी विजय किशन अग्रवाल ने महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई – एक के स्वयं सेवकों की प्रतिभा की सराहना करते हुए।बाबू जी के स्वप्न करने की कड़ी में एक सार्थक कदम बताया। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई – एक की कार्यक्रम अधिकारी डॉ कामना कौशिक ने बाबू जी को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं सेवकों को पढ़ाई के साथ साथ कमाई के छोटे छोटे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया और स्वरोजगार और नवाचार अपनाने को प्रेरित करते हुए श्री बनारसी दास गुप्त को महिला शिक्षा को बढ़ावा देने वाली जीति जागती तस्वीर बताया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमो की श्रृंख्ला में स्वयंसेवक छात्रा संस्कृति ने कविता “तू खुद की खोज मय चल, तू किस लिए हताश है“, स्वयंसेविका छात्रा अहिंसा व ज्योति ने राजस्थानी गीत “बन्नी थारो चांद सरीखो मुखडो, कही नजर ना लग जावय” पर बेहतरीन डांस की प्रस्तुति दी। छात्र उदित ने  बी.डी.गुप्त की जीवन शैली का विशलेषण करते हुए बायोग्राफी प्रस्तुत की। छात्रा स्नेहा ने हरियाणवी गीत “देशा मय देश अर भारत अर भारत मय हरियाणा” पर हरियाणवी डांस प्रस्तुत कर समा बांध दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई – एक के स्वयं सेवकों एवं महाविद्यालय परिवार के सदस्यो ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। समारोह में मंच का सफल संचालन स्वयंसेवीका छात्रा छवि ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं महाविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

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